“दवा शरीर पर कैसे काम करती है?”
(दवाइयाँ शरीर में कैसे असर करती हैं?)
यहाँ आसान भाषा में समझिए:
दवा शरीर पर कैसे काम करती है? (Basic Mechanism)
1. दवा शरीर में प्रवेश करती है (Absorption)
दवा जब आप खाते, पीते, इंजेक्शन लेते या लगाते हैं—तो वह शरीर में अवशोषित होती है (खून में जाती है)।
दवा शरीर पर कैसे काम करती है?”
2. खून के साथ पूरे शरीर में घूमती है (Distribution)
खून के ज़रिए दवा उस जगह पहुँचती है जहाँ समस्या हो रही होती है।
उदाहरण:
-
दर्द की दवा → दर्द वाले हिस्से तक
-
एंटीबायोटिक → संक्रमण वाले स्थान तक
3. लक्ष्य पर असर करती है (Action / Mechanism of Action)
दवा शरीर की कोशिकाओं में मौजूद receptors, enzymes, या proteins पर असर डालती है।
इससे शरीर में कुछ बदलाव होते हैं:
-
दर्द कम होना
-
संक्रमण रुकना
-
ब्लड प्रेशर कम होना
-
शुगर नियंत्रित होना
हर दवा का अपना तरीका (mechanism) होता है।
4. शरीर दवा को तोड़ता है (Metabolism)
ज्यादातर दवा लीवर (यकृत) में टूटती है, ताकि शरीर उसे बाहर निकाल सके।
5. दवा शरीर से बाहर निकल जाती है (Excretion)
अधिकतर दवा किडनी के ज़रिए पेशाब से बाहर निकल जाती है।
कुछ दवाएँ आंत, पसीना या साँस से भी निकलती हैं।
सार में: दवा शरीर पर कैसे काम करती है?”
दवा काम करती है इस क्रम में —
शरीर में जाती है → खून में घुलती है → लक्ष्य तक पहुँचती है → असर करती है → टूटकर बाहर निकल जाती है
अगर आप चाहें तो मैं किसी खास दवा या दर्द, बुखार, एंटीबायोटिक आदि के बारे में विस्तार से समझा सकता हूँ।
ज़रूर, और आसान भाषा में समझाता हूँ—बिलकुल रोज़मर्रा के उदाहरणों के साथ।
दवा शरीर पर कैसे काम करती है?”
🌟 दवा शरीर में कैसे काम करती है? — बहुत आसान समझ
सोचिए आपके शरीर को एक घर जैसा मान लेते हैं।
1️⃣ दवा घर में प्रवेश करती है
-
आप दवा खाते हैं → पेट में जाती है → खून में घुल जाती है।
-
इंजेक्शन की दवा सीधे खून में चली जाती है।
इसका मतलब दवा अब “घर के अंदर” घुस चुकी है।
2️⃣ दवा शरीर (घर) में घूमती है
खून एक डिलिवरी वैन की तरह होता है।
यह दवा को पूरे शरीर में लेकर घूमता है और जहाँ जरूरत है, वहाँ उतार देता है।
3️⃣ दवा सही जगह जाकर काम शुरू करती है
हर दवा का एक Target (लक्ष्य) होता है।
जैसे:
-
दर्द की दवा → दर्द वाले हिस्से में दर्द के सिग्नल रोकती है
-
बुखार की दवा → दिमाग में बुखार बढ़ाने वाले रसायन (chemicals) को कम करती है
-
खाँसी की दवा → खाँसी के सेंटर को शांत करती है
-
एंटीबायोटिक → बैक्टीरिया को मारती या रोकती है
-
शुगर की दवा → शरीर को इंसुलिन सही तरह से इस्तेमाल करने में मदद देती है
मतलब दवा अपना “काम” करती है — जैसे घर में काम करने वाले लोग अलग-अलग काम करते हैं।
4️⃣ शरीर दवा को तोड़ता है (जैसे किचन में खाना पकता है)
दवा को शरीर हमेशा के लिए नहीं रखता।
यह लीवर (यकृत) दवा को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है ताकि उसे बाहर निकाला जा सके।
5️⃣ दवा शरीर से बाहर निकल जाती है
ज़्यादातर दवा किडनी के ज़रिए पेशाब में निकल जाती है।
कुछ दवाएँ पसीने या साँस से भी बाहर होती हैं।
🔍 छोटा सा जीवन से जुड़ा उदाहरण
मान लीजिए आपको सिर में दर्द है।
-
आप गोली खाते हैं।
-
गोली खून में जाती है।
-
खून गोली को दिमाग तक ले जाता है।
-
गोली वहाँ जाकर दर्द पैदा करने वाले रसायन को ब्लॉक करती है।
-
दर्द कम हो जाता है।
-
कुछ घंटों बाद दवा टूटकर पेशाब से बाहर निकल जाती है।
यहाँ आसान भाषा में समझिए:
🌟 दर्द की दवा (Painkiller) कैसे काम करती है?
दर्द की दो सबसे आम दवाएँ हैं:
-
Paracetamol (Crocin, Calpol आदि)
-
NSAIDs जैसे Ibuprofen, Diclofenac, Nimusulide आदि
दोनों का काम थोड़ा अलग होता है।
🔶 1) Paracetamol कैसे काम करती है?
Paracetamol शरीर के अंदर एक खास chemical को कम करती है जिसे Prostaglandin कहते हैं।
यही chemical दर्द और बुखार बढ़ाता है।
👉 जब Prostaglandin कम होगा → दर्द और बुखार दोनों कम हो जाते हैं।
-
दिमाग में बुखार का कंट्रोल भी शांत हो जाता है
-
दर्द वाले हिस्से में सूजन कम होती है
इसलिए paracetamol सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द में दी जाती है।
🔶 2) Ibuprofen / Diclofenac कैसे काम करती है?
ये दवाएँ भी Prostaglandin को बनने से रोकती हैं, लेकिन ज्यादा ताकत से।
इन दवाओं में दो फायदे होते हैं:
-
दर्द कम करती हैं
-
सूजन (inflammation) कम करती हैं
👉 इसलिए ये दवाएँ इन में ज्यादा काम आती हैं:
-
दाँत में दर्द
-
घुटनों का दर्द
-
चोट या sprain
-
कमर दर्द
-
मासिक धर्म का तेज़ दर्द
लेकिन इनसे acidity हो सकती है, इसलिए खाना खाने के बाद ली जाती है।
🔶 दर्द क्यों होता है?
जब शरीर में चोट, तनाव, बुखार या infection होता है तो Prostaglandin नाम का रसायन बनता है।
ये दिमाग को “दर्द हो रहा है” का सिग्नल भेजता है।
दवा Prostaglandin को रोक देती है → सिग्नल कम हो जाता है → दर्द कम महसूस होता है।
🔰 आसान उदाहरण
मान लो शरीर की नसें दर्द का अलार्म बजा रही हैं।
दवा जाकर अलार्म की आवाज़ को कम कर देती है।
इसलिए आपको आराम महसूस होता है।
👍 अगर चाहें तो मैं बताऊँ:
-
कौन-सी दर्द की दवा कब लेनी चाहिए?
-
paracetamol और ibuprofen में क्या फर्क है?
-
कितने समय gap में लेनी चाहिए?
-
किसे कौन-सी दवा नहीं लेनी चाहिए
ठीक है! अब मैं आपको “किसे कौन-सी दर्द की दवा नहीं लेनी चाहिए” बहुत साफ़ और आसान भाषा में बताता हूँ।
यह जनरल जानकारी है — अपनी बीमारी के हिसाब से डॉक्टर की सलाह सबसे ज़रूरी होती है।
🔴 1) Paracetamol (Crocin, Calpol आदि) – किसे ध्यान रखना चाहिए?
Paracetamol सबसे सुरक्षित दर्द/बुखार की दवा मानी जाती है, लेकिन कुछ लोगों को सावधानी रखनी चाहिए:
❌ कब नहीं लेनी चाहिए / डॉक्टर से पूछकर लेनी चाहिए:
-
लीवर (यकृत) की बीमारी – hepatitis, fatty liver, cirrhosis
-
बहुत शराब पीने वाले लोग – liver पर ज़्यादा असर कर सकती है
-
पहले से paracetamol वाली दूसरी दवाएँ ले रहे हों (ओवरडोज़ का खतरा)
🔴 2) Ibuprofen / Diclofenac / Nimesulide जैसी दर्द की दवाएँ – किसे नहीं लेनी चाहिए?
इन दवाओं को NSAIDs कहा जाता है।
ये दर्द और सूजन दोनों कम करती हैं, लेकिन कुछ शरीर पर साइड-इफेक्ट भी डालती हैं।
❌ किसे नहीं लेनी चाहिए:
1) पेट / गैस्ट्रिक समस्या वाले लोग
-
गैस, एसिडिटी
-
अल्सर
-
पेट में जलन या खून बहना का इतिहास
क्यों?
ये दवाएँ पेट में irritation करती हैं।
2) किडनी (गुर्दे) की बीमारी वाले लोग
-
kidney function कम
-
dialysis पर
-
creatinine ज़्यादा
क्यों?
NSAIDs किडनी को और कमजोर कर सकती हैं।
3) दिल (Heart) की समस्या वाले लोग
-
हार्ट अटैक का इतिहास
-
BP बहुत हाई
-
ब्लड थिनर चल रहा हो
क्यों?
ये दवाएँ BP बढ़ा सकती हैं और दिल पर असर डाल सकती हैं।
4) गर्भवती महिलाएँ (Pregnancy)
खासकर 6–9 महीने (third trimester) में
क्योंकि यह बच्चे के दिल और किडनी पर असर डाल सकती है।
5) Asthma (दमा) वाले लोग
कुछ दमा रोगियों में ibuprofen/diclofenac से सांस की दिक्कत बढ़ सकती है।
🔴 3) Nimesulide (Nise) – किसे बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए
कई देशों में banned है, भारत में बच्चों के लिए मना है।
❌ बच्चों में
❌ बुखार के लिए
❌ liver कमजोर हो तो बिल्कुल नहीं
🟢 सार (सबसे आसान भाषा में):
| दवा | किसे नहीं लेनी चाहिए |
|---|---|
| Paracetamol | liver की बीमारी, ज्यादा शराब वाले |
| Ibuprofen / Diclofenac | पेट की acidity/ulcer, किडनी की बीमारी, दिल की बीमारी, गर्भवती महिलाएँ |
| Nimesulide | बच्चों में, liver की बीमारी, pregnant women |
अपनी बीमारी के हिसाब से डॉक्टर की सलाह सबसे ज़रूरी होती है।