सोशल मीडिया दिल के लिए खतरा, तनाव हो तो तुरंत मोबाइल न उठाएं, प्रकृति के बीच जाकर समय बिताएं|सोशल मीडिया दिल के लिए खतरा, तनाव हो तो तुरंत मोबाइल न उठाएं, प्रकृति के बीच जाकर समय बिताएं|raat ko mobile chalane ke nuksan

 

सोशल मीडिया पर बिताए गए समय और डिप्रेशन के बीच सीधा संबंध है। टीनएजर्स में सोशल मीडिया का प्रयोग जब एक घंटा बढ़ता है तो डिप्रेशन का खतरा 13% बढ़ जाता है। ऑगस्टा यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया कि सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल रात के समय ब्लडप्रेशर को हाई कर देता है। इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में तनाव होने पर मोबाइल उठाकर सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने लगना दिल के लिए खतरनाक है। जानिए, कैसे सोशल मीडिया का दुरुपयोग हार्ट को कमजोर कर रहा है- और कैसे पेड-पौधे, ताजी हवा हमारे दिल को सेहतमंद बनाते हैं।

The History Of Social Media

सोशल मिडिया निष्क्रिय बना रहा है आप पेड़ो के बीच जाइये

स्क्रॉल करने, वीडियो देखने या वर्चुअल इंटरैक्शन में बिताया गया लंबा समय निष्क्रिय बनाता है। एक्टिविटी की कमी हृदय रोग के लिए जोखिम है। यह मोटापा, हाई ब्लडप्रेशर देती है व कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बिगाड़ती है।

उपाय : प्रकृति में समय बिताना अकेलेपन और अलगाव की भावना को कम करता है। प्रकृति को मूड लिफ्टर के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि खुले में समय बिताने से शरीर में एंडोर्फिन और डोपामाइन बढ़ता है।

साइबर बुलिईंग से तनाव बड़ा,अप ताजी हवा में निकलिए 

साइबर बुलीइंग और ऑनलाइन उत्पीड़न से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। साइबर बुलीइंग से तनाव, चिंता और यहां तक कि पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर भी होता है। इससे हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता है।

उपाय : नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्ययन से पता चला है कि ताजी हवा से पल्स रेट, ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। ये दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी कारगर है |

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रात को मोबाइल पर स्क्रोलिंग नींद बिगाड़ रही है ,सोने के एक घंटे पहले मोबाइल बंद करना दिल को सेहतमंद बनाता है 

सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, विशेषकर सोने से पहले, नींद के पैटर्न को बाधित कर सकता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन बनाने में बाधा डाल सकती है। इससे आपकी नींद प्रभावित होती है। नींद के प्रभावित होने से हृदय रोग का जोखिम कई गुना बढ़ता है।

उपाय जो लोग हर रात 7 घंटे से कम सोते हैं, उनमें उन्हें दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, अस्थमा और डिप्रेशन जैसी बीमरियों की आशंका ज्यादा होती है। फोन को रात में सही समय पर बंद कीजिए और पूरे सात घंटे नींद लेने की कोशिश कीजिए।

मोबाइल गलत आदतें बढ़ा रहा है, सूरज की रोशनी देखिए

कई प्लेटफॉर्म नशे को महिमामंडित कर रहे हैं। उच्च कैलोरी कम पोषण वाले खाद्य पदार्थों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हानिकारक चीजें खाने के लिए प्रोत्साहित कर है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

उपायः एडिलेड की साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार धूप से मिलने वाले विटामिन डी की सही मात्रा से ब्लड में इन्फ्लमेशन की आशंका कम हो जाती है। यह हार्ट अटैक का खतरा घटाता है।

सोशल मीडिया दिमाग मंद कर रहा है, योग कीजिए

सोशल मीडिया का देर रात तक उपयोग एब्सेंट माइंडेडनेस को जन्म दे रहा है, जैसे रात में बिना सोचे-समझे खाना और सोने से पहले दांत ब्रश न करना। जबकि खराब दांत स्वस्थ ई हृदय के लिए जोखिम का कारण है।

एम

उपायः इसलिए योग कीजिए। जर्नल ऑफ की एविडेंस- बेस्ड कॉम्प्लिमेंटरी एंड अल्टरनेटिव में मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, योग आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सक्षम है।

Social Media Impact: बच्चों के दिमाग पर कैसे असर डाल रहा सोशल मीडिया, 5 पॉइंट्स में समझें | how Social Media Could Harm Youth Mental Health explained US Surgeon General and Warns |

 

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कई प्लेटफॉर्म नशे को महिमामंडित कर रहे हैं। उच्च कैलोरी कम पोषण वाले खाद्य पदार्थों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हानिकारक चीजें खाने के लिए प्रोत्साहित कर है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

उ*यः एडिलेड की साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार धूप से मिलने वाले विटामिन डी की सही मात्रा से ब्लड में इन्फ्लमेशन की आशंका कम हो जाती है। यह हार्ट अटैक का खतरा घटाता है।

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सोशल मीडिया का देर रात तक उपयोग एब्सेंट माइंडेडनेस को जन्म दे रहा है, जैसे रात में बिना सोचे-समझे खाना और सोने से पहले दांत ब्रश न करना। जबकि खराब दांत स्वस्थ ई हृदय के लिए जोखिम का कारण है।

एम

उपायः इसलिए योग कीजिए। जर्नल ऑफ की एविडेंस- बेस्ड कॉम्प्लिमेंटरी एंड अल्टरनेटिव में मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, योग आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सक्षम है।

सिर्फ लोल नही ,जोर से हँसे ,दिल मजबूत होगा 

हंसने से हृदय के अंदर के टिश्यू का विस्तार होता है और शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है। ब्राजील में हुए एक अध्ययन के अनुसार लाफ्टर थेरेपी ने हृदय प्रणाली की कार्यात्मक क्षमता को बढ़ा दिया है। इसलिए ईमेल या फेसबुक पोस्ट में केवल LOL न करें। जोर से हंसें। हंसने से स्ट्रेस हार्मोन कम होते हैं, उच्च लिपोप्रोटीन का स्तर बढ़ता है, जिसे गुड कोलेस्ट्रोल भी कहा जाता है।

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